रंगत निखारें प्राकृतिक रूप से
नीलम चड्ढा
भले ही आप खुद से या औरों से कहते रहें कि गोरे रंग से क्या होता है. असली गुण तो आपके अंदर होते हैं. लेकिन एक बात सोच कर देखें. जब कोई इसान आपको आकर्षित करता है तभी आप उस इंसान से बात करने को इच्छुक होते हैं, पल दो पल उसके पास बैठना चाहते हैं. जब आपके पास कोई बैठेगा तभी तो आपसे घुले मिलेगा और आपके असली गुणों को पहचानेगा! गुणों के पहचानने और आकर्षण बढ़ाने के लिए चेहरे की रंगत को निखारना आवश्यक है.
आपका चेहरा सांवले पन में भी चमक रहा हो तो लोग आकर्पित होंगे ही. इसके लिए आप कुछ प्राकृति घरेलू उपायों का प्रयोग जरूर करें. ये सभी वस्तुएं दैनिक दिनचर्या में बारी बारी से प्रयोग में लाती रहें, देखिएगा आपके मुरझाए बुझे चेहरे की रंगत में एक खास चमक आ जाएगी और आपमें एक दृढ़ विश्वास और स्वाभिमान जागृत हो जाएगा.
नींबू :
यह एक खट्टा फल है, जो कहीं भी मिल जाता है. यह प्राकृतिक ब्लीच का काम करता है. आप रोज़ाना सुबह एक गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़ कर खाली पेट पीएं. चाहें तो इसमें एक चम्मच शहद भी डाल लें. इससे न सिर्फ रंगत निखरेगी बल्कि आपका मोटापा भी छंटने लगेगा और मुंहासे भी दूर हो जाएंगे. शहद के साथ लेने से आपका पेट भी साफ होगा. अब निचोड़े हुए नींबू को भी काम में ले आएं. इस नींबू को अपनी कोहनियों, हाथों के नकल्स, और गर्दन पर जहां कालापन हो, रगड़ें. मैल और कालापन धीरे धीरे समाप्त होगा और त्वचा निखरी दिखेगी.
पपीता :
पपीता चेहरे की रंगत निखारने के लिए बेहतर और एक सस्ता फल है. यह एक एंटी ऑक्सीडेंट फल है अर्थात यह जहरीले तत्त्वों को शरीर से निकालने का काम करता है. यह त्वचा की टूटी फूटी कोशिकाओं की मरम्मत कर पुर्नजनन का कार्य करता है. रोज़ाना नहीं तो एक दिन छोड़ कर पपीता जरूर खाएं. और साथ ही चेहरे पर मालिश भी करें इससे चेहरे की चमक बढ़ेगी. बहुत से रंगत निखारने के ब्यूटी प्रोडक्ट्स में पपीते का प्रयोग किया जाता है.
सेब :
पुरानी कथाओं के अनुसार इसे अमीरों का फल कहा जाता है. यह फल आपकी त्वचा को न सिर्फ सुंदर, बल्कि स्वस्थ और मज़बूत भी बनाता है. यह मैलिक एसिड से समृद्ध फल है जो त्वचा को खूबसूरती व मज़बूती देता है, त्वचा से दाग धब्बे, दानों से मुक्ति देता है, नवीन कोशिकाओं के जन्म में सहायक होता है.
एवोकाडो :
ये फल बायोटिन से समृद्ध है, जो त्वचा के उत्थान और कोशिका वृद्धि में सहायक होता है. जिससे त्वचा युवा व चमकदार रहती है. इसमें विटामिन 'ए' की भी अच्छी मात्रा रहती है, जिससे त्वचा का लचीलापन कायम रहता है और त्वचा पर झुर्रियां जल्दी नहीं पड़ती.
केले :
केले हर मौसम में उपलब्ध रहने वाला फल है. चूंकि यह मंहगा नहीं होता, इसलिए, बहुत से लोग इसके गुणों के बारे में अनभिज्ञ भी रहते हैं. केले में पोटेशियम की मात्रा की अधिकता रहती है त्वचा को हाइड्रेटिड यानी नमीयुक्त बनाए रखने में मददगार होता है. इससे लगातार सेवन करते रहने से चेहरे पर मुहांसों की समस्या भी नहीं रहती व दाग धब्बे भी नहीं पड़ते.
कीवी :
यह विदेशी फल हर बड़ी दुकान पर उपलब्ध रहता है. इसमें विटामिन 'सी' की अच्छी मात्रा होती है. चिकनगुनिया जैसी बीमारी में हाथों की नसों का रवां करने, हड्डियों को सही रूप से चलाने में कीवी जैसे फलों का सेवन बेहद कारगर साबित होता है. चीकू जैसे देखने वाले इस फल शरीर में बीमारियों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाता है.
इन फलों के अलावा आप अपने रोज़ाना के भोजन में कुछ और खाद्य पदार्थों का समावेश करेंगे तो आपकी त्वचा की रंगत में अवश्य निखार आएगा.
टमाटर :
टमाटर विटामिन 'सी', पोटेशियम, फोलेट और विटामिन 'के' का अच्छा स्रोत है. इसके साथ ही टमाटर में दानों में एंटीऑक्सीडेंट ‘लाइकोपिन' होता है जो आपकी त्वचा को बूढ़ा नहीं होने देता. इसका लगातार कच्चे रूप में भी सेवन आपको खूबसूरत बनाए रखता है. यही तक कि टैनिंग होने पर आप ताजे टमाटर को काट कर त्वचा के टैन्ड भाग पर मलें, इससे काफी हद तक कालापन दूर हो जाता है और त्वचा मुलायम हो जाती है. विटामिन 'सी', पोटेशियम, फोलेट और विटामिन 'के' होने के कारण टमाटर के सेवन से दिल की बीमारी से राहत मिलती है. यहां तक कि इसके लगातार सेवन से दिल की बीमारी होती ही नहीं है. यह बीमारी से लड़ने की शक्ति देता है और पकाने पर भी इसके गुणों में कमी नहीं होती.
एंटी एजिंग गुणों के कारण टमाटर को एंटी एजिंग ब्यूटी प्रोडक्ट में प्रयोग किया जाता है और बहुत सी ब्यूटीशियन्स फेशियल के दौरान इसका सीधे ही प्रयोग भी करती हैं. सप्ताह में एक बार इसे चेहरे पर मलें तो भी चेहरे पर गुलाबी पन आ जाएगा.
अंडे :
अंडों में अमीनो एसिड और एंटी ऑक्सीडेंट ल्यूटिन व जेक्सैथिन की काफी मात्रा होती है जो त्वचा को सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों से होने वाले दुष्प्रभावों को समाप्त करती हैं. ये मिनरल्स त्वचा की नई कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करते हैं.
लहसुन :
लहसुन की तीखी गंध के कारण बहुत से लोग इसके सेवन से बचते हैं. बहुत से लोगों का कहना है कि इसके सेवन ने मुंह में दुर्गंध आती है. जबकि ऐसा नहीं है. जो लोग लहसुन को कच्चा खाते हैं उनके मुंह से गंध आ सकती है परंतु पका कर खाने से गंध कभी नहीं आती. यह एक प्रकृतिक रक्त क्लींजर है जो सभी अशुद्धियों को दूर कर, रक्त को साफ बनाता है जिससे आपकी त्वचा गुलाबी रहती है. इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट गुण त्वचा को बूढ़ी नहीं होने देते. मुंहासों से भी छुटकारा मिलता है. खाली पेट एक लहसुन की तुरी को सुबह सुबह खाली पेट, बिना चबाए पानी के साथ निगल जाने पर मोटापे से छुटकारा भी पाते देखा गया है.
इसी तरह अखरोट में मौजूद, फैटी एसिड त्वचा को नम और कोमल बनाता है, हरी सब्जियों में पालक आपकी रूखी और बेजान त्वचा को गुलाबी रंगत वाली लचीली त्वचा बनाने में मदद करता है
अगर आप अपने खानपान पर इस तरह ध्यान दे कर इन उपरलिखित खाद्य पदार्थों का नियम से सेवन करते रहेंगे तो त्वचा में सौ प्रतिशत निखार आएगा ही. लेकिन जरूरी ये है कि सेवन नियम से करें.